एक जंगल में एक खरगोश और कछुआ रहते थे


खरगोश को बड़ा घमंड था कि वह तेज दौड़ सकता है वह कछुए की धीमी चाल को देखकर हंसी उड़ाता था

ऐसे में एक दिन

खरगोश-क्यों कछुआ काका क्या तुम मेरे साथ दौड़ लगाओगे

कछुआ क्यों नहीं





हम दोनों में से जो जीतेगा वह सबसे तेज दौड़ने वाला होगा


अब यह दौड़ को देखने के लिए सारे जानवर बड़ी उत्सुकता के साथ वहां पहुंचे


हम दोनों में से जो दूर पहाड़ी वाले जगह पर पहुंचेगा समझो वह जीता


कछुआ ठीक है।


दौड़ शुरू हुई

खरगोश तेज दौड़ने लगा कुछ हुआ धीरे धीरे चलने लगा


खरगोश और तेज दौड़ने लगा कुछ वो धीरे धीरे चल रहा था



अब इस तरह थोड़ी दूर जाने के बाद खरगोश गाजर खाने के लिए रुक गया



उसे कछुआ कहीं दिखाई नहीं दिया



खरगोश यह कछुआ अभी नहीं आने वाला चलो थोड़ी देर आराम कर ले


अब ऐसे आराम करते करते खरगोश को नींद आ गई


कछुआ धीरे-धीरे खरगोश के पास पहुंचा



और उसे देखकर वह खरगोश को छोड़कर आगे की ओर चल पड़ा


और जब खरगोश की नींद खुली तो


वह आगे की ओर दौड़ने लगा वहां पहुंचकर उसने कछुए को देखा तो कहा


दोस्तों तुम ही जीते मुझे माफ करो



इससे हमें पता चलता है कि घमंड का सर हमेशा नीचा होता है






तीन मछलियों की कहानी







बहुत दिनों की बात है सुदर मछलियां तालाब में रहती थी जो की दोस्त अच्छी थी




वह सभी बहुत अच्छी दोस्त थी वह पूरा दिन तलाब में तैरते हुए अपना समय खुशी खुशी बिताते थे



और वे अच्छी-अच्छी चीजें खाया करते थे जो पास के गांव  तलाब में आती थी




दो मछुआरे ने तालाब के पास गुजरते हुए मछलियों को देखा मछुआरे वह देखो अगर यह सारी मछलियां तलाब के ऊपर आ जाएं




तो फिर तालाब के अंदर बहुत सारी मछलियां होंगी



चलो कल वापस आकर अपने जाल से मछलियां पकड़ लेंगे



यह बड़ा अच्छा सुझाव है


हम इन मछलियों को बाजार में बेचकर ढेर सारा पैसा कमा सकते हैं



तुम ठीक कहते हो हम कितने किस्मत वाले हैं चलो चलते हैं जब तीनों मछलियां ने यह बात सुनी तो वह घबरा गए



मुझे लगता है हम लोगों को तलाब जल्दी छोड़ देना चाहिए तुम लोग क्या सोचते हो



तीसरी मछली जो अभी तक चुप थी उसने कहा नहीं मैं इस तरफ से नहीं जाऊंगा



मेरा परिवार बहुत सालों से यहां रहता है और मैं यह  चाहूंगा कि मेरा परिवार तलाब में और रहे



अच्छा लेकिन मैं चला जाऊंगा तुम लोग क्या सोचते हो





मैं सोचता हूं कि मैं यही रहना चाहूंगा



ठीक है फिर मजे करो मैं जा रहा हूं



और फिर वह मछली तलाब छोड़कर छोटे से झील के झरने से नदी में चली गई अब इस तालाब में सिर्फ दो दोस्त मछलियां रह गई




दूसरे दिन सुबह दो मछुआरे बड़ा जाल लेकर तलाब में पहुंच गए दोनों मछुआरे आगे बढ़े और उन्होंने मछलियों को पकड़ने के लिए जाल फेंका



और सभी मछलियां फस गई



दोनों दोस्त मछलियों में से एक दोस्त मछली ने मरने का नाटक किया




जब मछुआरे ने देखा कि यह मछली मर गई है तो उसने उसे तालाब में फेंक दिया




इस तरह मछुआरे ने दोनों दोस्त मछलियों में से 1 को बाकी मछलियों के साथ पकड़ लिया



दूसरा दोस्त तेज दिमाग लगाकर बच गया




सीख




भाग्य हमेशा होशियार का साथ देता है

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