यातायात नियमों के पालन की आवश्यकता या, सड़क दुर्घटना - जिम्मेदार कौन ?








यातायात के संबंध में हिंदी में निबंध

यातायात पर निबंध कैसे लिखें

इस पोस्ट में आपको यातायात पर निबंध के बारे में बताया गया है

यातायात नियमों के पालन की आवश्यकता या, सड़क दुर्घटना - जिम्मेदार कौन ?


प्रस्तावना  - यद्यपि हमारा देश स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात प्रायः सभी क्षेत्रों में अनवरत विकास की नई नई ऊंचाइयों को स्पर्श करता हुआ आगे बढ़ रहा है। शिक्षा ,स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, यातायात परिवहन के साधन एवं मार्गों का विकास देश की सुरक्षा एवं सामरिक दृष्टि से विकास, नगरों यहां तक गांव में भी विविध प्रकार से हमारे देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है तथापि दिन प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि एवं इससे होने वाले जनधन की हानि चिंतनीय है।

हमारे देश में 50% से भी अधिक यातायात एवं परिवहन का भार सड़क मार्गों पर ही निर्भर है देश में सतत बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से जहां क्षण प्रति क्षण से लोगों को अपने प्राणों से हाथ धोने पड़ते हैं वही हजारों लोग इन सड़क दुर्घटनाओं से घायल होकर जीवन भर के लिए अपाहिज बन जाते हैं सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित को दुख जीवन उनके लिए किसी असहनीय यातना से कम नहीं होता सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनधन की हानि, ना केवल व्यक्तिगत अथवा परिवार के लिए, अपितु समाज एवं राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति के स्वरूप होती है। अतः दिन प्रतिदिन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को यथाशीघ्र जानना एवं रोकथाम के उपाय सूचना तथा उन उपायों को जल्द से जल्द करना आवश्यक है

सड़क दुर्घटनाओं के कारण

सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं


(1) यातायात नियमों की अवहेलना - यातायात के सुगम एवं सुरक्षित बनाए रखने के लिए यातायात के प्रभावी नियम बनाए गए हैं, परंतु हमारे देश में प्रायः सर्वत्र यातायात के नियमों में शिथिलता एवं यातायात नियमों की अनदेखी की जाती है इस तरह की अवहेलना कभी यातायात नियमों के प्रति अज्ञानता वश तो कभी नियम के पालन में तत्परता के अभाव के कारण देखने को मिलती है सड़क के किनारे लगाए गए संकेतों की बात हो जो हमें दुर्घटनाओं से बचने के लिए खतरनाक मोड़ो, रेलवे क्रॉसिंग आदि के बारे में संकेत कर पहले से ही उसकी जानकारी देकर सर्जक करते हैं अथवा चौक चौराहे पर लगाए गए संकेत हो, इनका समुचित पालन न किया जाना, सड़क दुर्घटनाओं को न केवल आमंत्रित करता है अभी तो आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है।




(2) यातायात से संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही 

यातायात विभाग के अधिकारी अथवा कर्मचारी चौक चौराहों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर इसलिए तैनात किए जाते हैं ताकि यातायात के नियमों का समुचित पालन सुनिश्चित किया जा सके और लोगों को दुर्घटनाओं से बचाया जा सके यातायात को सुगम सुविधाजनक एवं सुरक्षित बनाना उनके कर्तव्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए परंतु यह अपने दायित्व और कर्तव्यों की अवहेलना करते हुए इसी प्रयास में लगे रहते हैं कि कैसे आज का कार्यभार समाप्त होने के पूर्व तक उनकी जेब में हजार पांच सौ रुपए आए।


(3) जनसंख्या अनुपात में अनुपयुक्त सड़के

वर्तमान समय में हमारे देश की जनसंख्या 140 करोड़ के लगभग है इसके अनुपात में सड़क मार्गों के निर्माण का अभाव भी बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारणों में एक प्रमुख कारण है सरके जो भी बनी है उनके रखरखाव पर सतत एवं समुचित ध्यान नहीं दिया जाता है सड़कों के बीच बने गड्ढे नित दुर्घटनाओं को आमंत्रित देते रहते हैं।


(4) शहरीकरण के अनुरूप सड़कों के विकास का अभाव

भारत गांवो , खेतों खलियानों  का देश कहां जाता है। इसकी 75% से 80% आबादी गांव में रहती है और प्रमुख व्यवसाय खेती और पशुपालन रूपी जीविका पर निर्भर थी स्वतंत्र उपरांत शहरीकरण विकास रूपी गंगा में अनेक कस्बे एवं गांव नगर सीमा में समायोजित कर लिए गए और विकास की धारा में विशेषत: जो गांव नगरों के समीप हैं आज भी यही प्रक्रिया जारी है इस तरह नगरों में समायोजित गांव में टाउन प्लैनिंग के नियमों को शिथिल कर दिए जाने के कारण नगर अनुरूप सड़कों का विकास ना हो पाने के कारण सकरी सड़के दुर्घटना का कारण बन रही है।


(5) वाहनों की संख्या में अनवरत वृद्धि


सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक प्रमुख कारण सड़कों की छमता के प्रतिकूल उस पर अधिक संख्या में चलने वाले वाहन। दोपहिया वाहनों से लेकर मोटर कार ट्रक आदि कर सड़कों की क्षमता से कहीं अधिक आवागमन सड़क दुर्घटना का कारण है।

(6) वाहनों पर क्षमता से अधिक भार

यात्री वाहन से लेकर समान  ले जाने वाले वाहन सभी पर उनकी क्षमता से कहीं अधिक वजन फुसफुस कर लादा जाता है सवाई गाड़ियों में यात्रियों को पसुवत भरा जाता है बैठने के लिए स्थान न रहने पर खड़े खड़े यात्रा करने वालों की भी वाहनों में कमी नहीं रहती सबको अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने की जल्दी और वाहन मालिकों को अधिक कमाई का लोभ स्वरूप वाहन की क्षमता से अधिक भार के कारण वाहन चालक का अपने वाहन पर कभी-कभी नियंत्रण न रख पाने के कारण दुर्घटनाएं होती हैं।


(7) मोटर गाड़ियों के समुचित रखरखाव के अभाव


कुछ वाहन मालिक अपने वाहनों से केवल कमाई तक मतलब रखते हैं उनकी गाड़ियां रखरखाव के अभाव में खटारा हो जाती है ऐसे वाहन के चलते चलते कभी स्टेरिंग के फेल हो जाने से तू कभी ब्रेक के फेल हो जाने के कारण दुर्घटनाएं घटित होती है।


(8) वाहन चालकों में प्रतिस्पर्धा


कभी-कभी वाहन चालक अपने वाहनों को एक दूसरे के वाहन से आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा में यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं होती है दोपहिया चालक दाएं बाएं का ध्यान दिए बिना हॉर्न बजाते हुए तेजी से वाहन चलाते हुए आगे बढ़ते हैं। दुर्घटनाओं की आकांक्षाएं उस समय और बढ़ जाती है जब यह समूह में निकलते हैं और सामने चलते वाहन के दाएं बाएं दोनों ओर से हॉर्न बजाते हुए आगे बढ़ते हैं।


सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय :


सड़क दुर्घटनाएं ना हो इस विषय में ना केवल विचार करने की आवश्यकता है अभी तो उपाय सोच कर उपायों का क्रियान्वयन भी होना चाहिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के आवश्यक उपाय निम्नलिखित हैं।


(1) यातायात के नियमों को सालेय पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जावे ताकि विद्यालयों में दी गई विविध शिक्षा से दिव्य होकर लोग यातायात के नियमों का सम्मान करें


(2) यातायात के नियमों को पालन के लिए प्रेरणा स्वरूप विज्ञापन उचित एवं प्रभावी माध्यम से प्रसारित किए जाए


(3) यातायात नियमों के पालन में आवश्यक सख्ती का समावेश होना चाहिए नियमों का उल्लंघन करने वालों को अवश्य ही दंड मिलना चाहिए ताकि वे भविष्य में यातायात नियमों की अवहेलना ना करें दंडात्मक कार्रवाई में भाई भतीजावाद को दूर रखा जावे


(4) चौक चौराहों पर तैनात किए गए यातायात कर्मचारियों की निगरानी को भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वे स्वच्छंद होकर अपने दायित्व के पालन में लापरवाही न कर पाए


(5)  मोटर गाड़ियों के क्षमता अनुसार सवारियां अथवा वजन लगने के नियमों का कड़ाई से पालन को सुनिश्चित किए जाए



उपसंहार:

सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनधन की हानि न केवल ववैयक्तिक अपितु  सामाजिक एवं राष्ट्रीय क्षति है इसको रोकने के संभव उपाय करने अति आवश्यक है इसमें सरकारी तंत्र के साथ प्रत्येक नागरिक, वाहन मालिक, एवं वाहन चालकों के सहयोग का समावेश होना आवश्यक है। पैदल चलने वाले यात्री जहां सड़क किनारे उनके चलने के लिए फुटपाथ बनाए हुए हैं उस पर चलें और जिन सड़कों के किनारे फुटपाथ का निर्माण नहीं किया गया है वहां वे सड़कों के किनारे किनारे सावधानीपूर्वक अपनी यात्रा को पूर्ण करें सभी पक्ष यातायात के नियमों के पालन को अपने आदत में सम्मिलित कर ले। यात्रा करते समय अपनी सुरक्षा के साथ, दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हुए सजगता पूर्वक चाहे पैदल यात्रा कर रहे हो, किसी वाहन में बैठकर यात्रा कर रहे हो, अथवा वाहन चला रहे हो, सड़क दुर्घटनाओं को घटित होने से रोक सकते हैं, यात्रा में यातायात के नियमों के समुचित पालन में ही हम सभी के हित निहित है।



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