स्वच्छता हमारी दिनचर्या का महत्वपूर्ण अंग है स्वस्थ शरीर में स्वेच्छा आत्मा का निवास होता है स्वच्छता का संबंध स्वस्थ रहने से भी है प्रधानमंत्री मोदी जी के नारे स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत से ही हम स्वयं का विकास कर सकते हैं











स्वछता सिर्फ शरीर की नहीं घर की ही नहीं वरन आसपास के परिवेश की भी होती है अक्सर हम अपना घर तो साफ रखते हैं लेकिन प्रवेश की गंदगी के लिए सरकार का दोस्त देते हैं जबकि वह गंदगी भी हमारे द्वारा फैलाई गई है अतः स्वच्छता अभियान के जरिए साफ सुथरा माहौल बनाना है इस अभियान का मूल मकसद है





स्वच्छता अभियान भारत सरकार द्वारा वृहद पैमाने पर चलाया जा रहा है दूरदर्शन आकाशवाणी साहित्य द्वारा इसका प्रचार किया जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी जी स्वयं द्वारा अभियान में प्रमुख भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं उनके नेतृत्व में मंत्री सांसद नेता अभिनेता तथा अधिकारी जन सहयोग से इस अभियान को सफल बना रहे हैं





इस अभियान के फल स्वरुप नगर गांव मोहल्ला स्वच्छ लिख रहे हैं निश्चित ही इस स्वच्छता से जीवाणु तथा विषाणु कम हुए हैं तथा रोगाणु मुक्त वातावरण निर्मित हुआ है आसपास का प्रवेश स्वच्छता सुंदर नजर आ रहा है शासन का पूरा अमला सफाई हेतु तत्पर है जनता पर भी बहुत अच्छा प्रभाव दिखाई देता है आज कचरा फेंकने से पहले लोग इधर उधर नजर दौड़ा लेते हैं कि कचरा पेटी कहां है फिर कचरा फेंकते हैं

छात्रों की इस अभियान में महती भूमिका है छात्र एकजुट होकर सप्ताह में 1 दिन में 2 घंटे भी मिलजुल कर साफ-सफाई अभियान में जुड़ जाए तो यह धरती ही स्वर्ग के समान सुंदर बन जाएगी







युवा जोश और हो से युक्त रहे तो वह चाहे तो बड़ी से बड़ी कठिनाइयां भी हल हो सकती है छात्र आम लोगों को स्वच्छता अभियान के महत्व के बारे में समझा सकते हैं वह कचरा पेटी में कचरा डालने की आदत डालें वैज्ञानिक सोच रखने वाले युवा कचरा का पुनर्चक्रण विधि द्वारा उपयोगी स्वरूप निर्मित कर सकते हैं कचरे से विद्युत निर्माण भी हो सकता है छात्राएं महिलाओं को विभिन्न तरह के कचरे का ढेर विभिन्न स्थानों पर रखने के लिए समझा सकती है सब्जियों तथा खाद्य सामग्री का ढेर एक तरफ रखने से जानवर खा सकते हैं


धूल आदि का ढेर किसी गड्ढे में डालने की व्यवस्था की जा सकती है पॉलिथीन को पुनर्चक्रण हेतु भेजा जा सकता है आजकल पॉलिथीन में सब्जी बेचने और रखने पर रोक लग गई है अनेक गाय पॉलीथिन खाकर मौत के आगोश में समा चुकी है अतः आप थैली का उपयोग सस्ता उपयोगी तथा टिकाऊ है छात्र मोहल्लों में घूम घूम कर नदी नालों की सफाई का बीड़ा उठाए जनता के सहयोग से नदी नालों की सफाई होने से जल प्रदूषण कम होगा पूजन सामग्री को नदी नालों में विसर्जित ना कर अलग जगह इसकी व्यवस्था करें







यदि छात्र आगे आए तो बाकी लोगों का उत्साह बढ़ेगा और हम गंदगी दुर्गंध तथा वायु प्रदूषण की सहायता से निजात पा सकेंगे हमें स्वच्छता की सोच बनानी है कहते हैं घर आंगन लीपा हो तो देवता भी उस घर में प्रवेश करते हैं तुम साफ तो मन साहब ऐसे ना रोको मंत्र के रूप में अपनाकर हम देश को एक स्वच्छ एवं स्वस्थ राष्ट्र बनाने का संकल्प लें

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