बहुत दिनों की बात है पहले एक खुशहाल राज्य में वहां दो कौवे रहते थे और वे दोनों एक साथ खुशी खुशी महल के बड़े से पेड़ में रहते थे पेड़ के पास एक अजगर सांप का घर था यह जानकर कि वहां अजगर सांप रहता है फिर भी वे वहां खुशी-खुशी रहते हैं
रोज सुबह दोनों भोजन की तलाश में साथ साथ उड़ जाते थे और शाम को घर आ जाते थे वह शाम को घर लौटते समय महल की जगमगाहट को देखते थे और घर पहुंच कर आराम से सो जाते थे कौवे इससे बहुत खुश थे
1 दिन मादा कौवे ने अंडे दिए और कौवे इससे बहुत खुश थे उस दिन जब वह शाम को वापस घर आए तो अंडे वहां नहीं थे इससे दोनों बहुत दुखी हुए
थोड़े दिनों बाद मादा कौवे ने फिर अंडे दिए और वह भोजन की तलाश में उड़ गए जैसे ही कौवे पेड़ से उड़े अजगर ऊपर उनके घोंसले मैं पहुंच गया और उनके अंडों को खा गया
कौवे यह सब देख कर भौचक हो गए दोनों कौवे बहुत उदास हो गए दोनों कौवे ने इस बात पर रात को बात की
कौआ यह जरूर उस अजगर का काम है जो इस पेड़ में रहता है वही हमारे बच्चों को खा जाता है और कितने दिन मुझे मेरे बच्चे खोने पड़ेंगे
तुम घबराओ मत इस बारे में मैं कुछ सोचता हूं मैं वादा करता हूं इसके बाद वह हमारे बच्चों को नहीं खाएगा
दूसरे दिन चला कौवा नजदीक के तालाब के पास पहुंचा वहां रानी अपनी राशियों के साथ रोज नहाने आती थी तभी कौवे की नजर एक जेवर पर पड़ी
जब कोई नहीं देख रहा था तब कौवे ने चुपके से हार चुरा लिया जो तालाब के किनारे कपड़े और जेवर के साथ रखा था
रानी आ कौवे ने हार ले लिया
चलाक कौवा रानी से हार लेकर जल्दी से वहां से उड़ गया सैनिक उसका पीछा करने लगा कवि ने हार को अजगर के उस पेड़ के पास कर दिया
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