क्या लड़कियों को सूरत देखकर नौकरी मिल जाती है?

दोमुंहा प्रश्न है , उत्तर भी दोमुंहा ही दूंगा।

मैं इस उत्तर में ना तो लड़कियों का फेवर करूँगा और ना ही लड़को का , सिर्फ सच्चाई बयां करूँगा। तो अगर किसी को बुरा लगे तो कृपया बुरा न माने 😉😉

  1. मैंने आजतक किसी महिला न्यूज़रिपोर्टर या जर्नलिस्ट को बदसूरत नही देखा।
  2. मैंने आजतक कभी किसी एयर होस्टेस को बदसूरत नही देखा। ये अलग बात है कि सिविल एयरक्राफ्ट में बैठा भी सिर्फ तीन बार ही हूँ 😛😛
  3. मैंने आजतक किसी होटल रिसेप्शनिस्ट को बदसूरत नही देखा।
  4. यहां तक कि छोटे लेवल पर भी देखे तो मॉल्स या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में काम करने वाली लड़कियां भी अमूमन खूबसूरत ही होती है।
  5. फ़िल्म की हीरोइनें और विज्ञापनों में दर्शन देने वाली मॉडल्स भी 95 % खूबसूरत ही होती है। हालांकि वो प्राकृतिक सुंदरता है या फिर लिपाई पुताई का कमाल , इसकी गारंटी नही दे सकता 😃😃😃

लेकिन , लेकिन , लेकिन ……….

1 . हमारे डिफेंस में 80 % महिला अधिकारी सामान्य वेशभूषा और सूरत वाली ही होती है।

2 . बैंकों में , सरकारी विद्यालयों में , पोस्ट ऑफिसो में मैंने बहुतायत साधारण शक्लोसूरत वाली लड़कियां और महिलाएं देखी है।

3 . रेलवे , पुलिस विभाग और अन्य किसी भी सरकारी प्रतिष्ठानों में चेहरे का खूबसूरत होना कोई मापदंड नही।

4 . कल्पना चावला और किरण बेदी कोई बहुत ज्यादा खूबसूरत नही थी लेकिन वो अपनी प्रतिभा के दम पर किस ऊंचाई पर पहुंची , वो किसी से छुपा नही है।

अपनी बात को इस प्रेरणादायक कहानी ( सत्य वचन ) के माध्यम से सत्य सिद्ध करना चाहूंगा-

संतरे रंग के गोल घेरे में जो महिला है , वो है 3 फुट 6 इंच की 2006 बैच की आईएएस अधिकारी आरती डोगरा।

आपके प्रश्न के हिसाब से तो इन्हें रेलवे स्टेशनों या बस अड्डे पर भीख मांगनी चाहिए। वास्तव में लोगों ने भी इनके घरवालों से यही बात कही थी। इनके जन्म के बाद से ही इनके माता पिता को लोगों ने सुझाव देने शुरू कर दिया था। कुछ इनको जान से मारने की सलाह दे रहे थे तो कुछ नौटंकी इनके पेरेंट्स को इन्हें सर्कस वालों को दे देने के लिए हामी भरवाने में सिर खपा रहे थे। लेकिन इनके माता पिता का इन पर अटूट विश्वास और इनकी कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्चय ने इन्हें आईएएस अधिकारी बना दिया। इन्हें शत शत नमन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

आखिर में मेरे हिसाब से निष्कर्ष ये निकलता है कि प्राइवेट और निजी क्षेत्र वाले खूबसूरत चेहरों के माध्यम से अवसर भुनाने की कोशिश करते है। कुछ को अपने चैनल की टीआरपी बढ़ानी होती है तो कुछ को सुंदर एयर होस्टेस दिखाकर पैसेंजर्स को इम्प्रेस करना होता है। ऐसा ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मॉल्स के बारे में कहा जा सकता है।

लेकिन सरकारी नौकरियों में खूबसूरत या बदसूरत होने से किसी का कुछ नही घिसता। सबको महीने के आखिरी दिन अपने सैलरी डे का इंतजार होता है।

धन्यवाद 💐💐💐

फोटो स्रोत - गूगल

Post a Comment

Previous Post Next Post