अमेरिका को स्वामी विवेकानंद जी ने एक अद्भुत देश क्यों कहा है ?
शिकागो से स्वामी विवेकानंद का पत्र मैसूर के महाराजा को लिखा गया, उसने कहा गया कि अमेरिका एक अद्भुत देश है और यहां जाति भी कई बातों में एक अद्भुत जाती है। कोई जाति अपने दैनिक कार्यों में इतने कल पूर्व का व्यवहार नहीं करती जीतने की यहां के लोग। यहां केवल कल ही कल है। यह लोग संसार की सारी लोकसंख्या के सामने 5% मात्र है, पर तो भी संसार के कुल धन के पूरे 60% के वे मालिक हैं। इनके धन तथा विलास की सामग्री का कोई ठिकाना नहीं है पर फिर भी यहां सभी चीजें महंगी हैं। मजदूरों का मेहनताना यहां दुनिया में सब जगह से ज्यादा है पर मजदूरों और पूंजीपतियों के बीच झगड़ा सदा ही चलता रहता है। अमेरिका की महिलाओं को जितनी अधिकार प्राप्त है उतने दुनिया भर में और कहीं महिलाओं को नहीं। धीरे-धीरे वे सब कुछ अपने अधिकार में करती जा रही है और आश्चर्य की बात तो यह है कि शिक्षित पुरुषों की अपेक्षा यहां शिक्षित स्त्रियों की संख्या अधिक है। अमेरिका निवासी कहते हैं कि सर्वशक्तिमान डॉलर यहां सब कुछ कर सकता है। संसार के अन्य किसी देश में इतने कानून नहीं है जितने कि यहां। पर यहां उनकी जितनी कम प्रवाह की जाती है उतनी अन्य किसी देश में नहीं। इसलिए अमेरिका अद्भुत देश है।
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